मियां सब चीजें खराब छोड़ दी हैं,अब हमने सस्ती शराब छोड़ दी है। अब किसी और की बेग़म को तो भगाएँ कैसे,हमने सब ख्वाइशें अजायब छोड़ दी हैं। होगा वो शूर ये मान लिया हमने मगर,हमने तो बीच समंदर में नाव छोड़ दी है। दीवार -ओ-दर से दस्तक अब भी आती है,मगर मैंने तो कब …
Author Archives: Harsh Parashar_
भीड़ मे अब लोग मुझे आजमाया नही करते…
भीड़ मे अब लोग मुझे आजमाया नही करते, मुझे तेरा कोई भी किस्सा सुनाया नही करते !! जाने क्यों इस शहर के लोग अजनबी होने लगे इस तरह तो अपनो को पराया नही करते !! तुझे इश्क़ नही मुझसे न ही अदावत कोई है, दिल ऐसे कोई दुश्मन का जलाया नही करते !! यूं तो …
शराब
ख़ामोश दिलों को पैमाना बना रही है शराब, मैख़ाने को मैख़ाना बना रही है शराब। क्या बिसात मेरी की कह दू कता कोई, ब-ख़ुदा मुझे शायर बना रही है शराब। रज़ा है उतार दूँ खंजर तेरे सीने में, यूँ समझ तुझे मुझसे बचा रही है शराब। ये होठों से गुज़र कर दिल मे उतर गई, …
हर मुलाकात पर न आने को बहाना ढूंढते हो…
हर मुलाकात पर न आने को बहाना ढूंढते हो, तुम शराब तो नही पीते मगर पैमाना ढूंढते हो। अब किस्से कहाँ रहे वो पहले जैसे, अब कहाँ तुम वो जमाना ढूंढते हो। तुम भी कहाँ भूल पाये हो मुझे, तुम अब भी मेरे जैसा दीवाना ढूंढते हो। जिस शहर जिन गलियों में बातें हो हमारी, …